Love story, सौरभ और पिंकी की प्रेम कहानी

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 Love story, सौरभ और पिंकी की प्रेम कहानी

Love story,  सौरभ और पिंकी की प्रेम कहानी

सौरभ और पिंकी की प्रेम कहानी आइए दोस्तों आगे बढ़ता है इन दोनों की प्रेम कहानी कैसी है

पिंकी बड़े घराने की लड़की थी और सौरभ छोटे घर आने का था पिंकी के मां बाप के पास धन दौलत बहुत ज्यादा थी सौरव छोटा घर आने का था जो भी कमाते वही खाते पैसा बचत बैंक बैलेंस कुछ भी नहीं था क्योंकि वह नौकरी करता था पिंकी का पापा का बहुत सारे कंपनियां फैक्ट्रियां थे इसीलिए पिंकी को किसी भी चीज की कमी नहीं थी

 जिसको किसी भी चीज की कमी नहीं होती उसको पता नहीं होता कि कमी क्या चीज है गरीबी क्या चीज है पिंकी हर रोज कॉलेज जाती थी कॉलेज से पिक करने के लिए ड्राइवर था ड्राइवर को भी बराबर टाइम पर पहुंचना होता था बराबर टाइम पर नहीं पहुंचने से उसको डांट मिलती थी

सौरभ एक कंपनी में काम करता था

सौरभ एक कंपनी में काम करता था बहुत ही ईमानदार था इसीलिए सौरव का मालिक उसको अच्छा मानता था हर चीज उसके ऊपर ही छोड़ देता था क्योंकि सौरभ के ऊपर बहुत विश्वास था एक दिन उसके मालिक ने मर्सिडीज गाड़ी मैं पेट्रोल भरने के लिए क्रेडिट कार्ड और कुछ पैसे देकर पेट्रोल डाला ने भेजा उसी वक्त पेट्रोल के पास ही

 लड़की खड़ी थी पिंकी उसका ड्राइवर लेट किया था कॉलेज से पिक करने के लिए इसीलिए वह पेट्रोल पंप का पास खड़ी होकर इंतजार कर रही थी अपने ड्राइवर का उतने में सौरभ पेट्रोल डाल रहा था कार में सौरभ दिखने में बहुत अच्छा बोला वाला था और हैंडसम भी था अचानक पिंकी ने स्वरूप को देखा बोला 

सौरव वाला बोलिए आपकी क्या सहायता कर सकता हूं 

हाय सौरव वाला बोलिए आपकी क्या सहायता कर सकता हूं पिंकी बोली मराठी आइवर अभी तक नहीं आया मुझे घर जाना है प्लीज मुझे रास्ते पर ड्रॉप कर देंगे सौरव बोला हां मैडम क्यों नहीं सौरभ में अपने मालिक के कार से उसके घर तक छोड़ा पिंकी को पिंकी को अंदर ही अंदर फिल्म हो गई थी पहली मुलाकात में कि लड़का हैंडसम भी है इसके पास इतनी बड़ी-बड़ी गाड़ियां भी है तो मेरे लिए यह सही होगा सौरभ वहां छोड़कर वापस चला गया

 फिर दूसरे दिन मालिक ने सौरभ को शॉपिंग के लिए भेजा कुछ पूजा का आइटम और घर का कुछ सामान के लिए क्रेडिट कार्ड और अपनी कार देकर भेजा अचानक पिंकी भी उसी शॉपिंग मॉल में कुछ शॉपिंग करने गई हुई थी पिंकी ने सौरभ को देखा बहुत सारी शॉपिंग कर रहा था और क्रेडिट कार्ड बिल पर कर रहा था पिंकी के मन में और भी ज्यादा सवाल आने लगे कि यह बड़ा घर आने का ही लड़का है इतना सारा शॉपिंग कर रहा है

सौरव बोला ठीक है कोई बात नहीं 

 और ज्यादा प्यार बढ़ गया पिंकी के मन में पिंकी सौरभ के सामने आई और हाय क्या कर रहे हो कैसे हो इतनी सारी शॉपिंग बोली सौरभ को बोलने का मौका ही नहीं दिया क्या हम दोनों कॉपी पीने जा सकते हैं सौरव बोला ठीक है कोई बात नहीं बोलकर सौरभ और पिंकी कॉफी पीने चले कॉफी पीते पीते पिंकी ने सीधा सौरभ को बोल दिया

सौरव बोला 2 दिन की मुलाकात में आपको कैसे प्यार हो गया 

 की मैं तुमसे प्यार करती हूं अगर तुम्हें एतराज ना हो तो मुझे जवाब जरूर दे दो सौरव बोला 2 दिन की मुलाकात में आपको कैसे प्यार हो गया मुझसे क्या बात कर रही हो पिंकी बोली सही में मैं तुमसे प्यार करती हूं तुम मुझे बहुत पसंद आने लगे सौरव बोला देखो थोड़े दिन सोच लो अपनी जिंदगी का सवाल है ठीक से सोच कर बताओ मुझे कोई एतराज नहीं चाहे कितना भी टाइम चाहिए आप ठीक से सोच कर बताइए पिंकी बोली सोचने की कोई बात नहीं मैंने आपको पसंद किया है शादी करूंगी तो आपसे ही करूंगी वरना मैं मरना ठीक समझूंगी 

सौरभ ने ठीक है मैं भी आपसे प्यार करता हूं लेकिन इतना बोलते हैं पिंकी ने उसका मुंह पर हाथ रखकर बोली बस मेरे लिए इतना ही काफी है मैं तुमसे प्यार करती हूं तुम भी मुझसे प्यार करते हो बस इतना ही काफी है बोलकर वहां से चले गए

 1 दिन पिंकी ने सौरभ को कॉल किया सौरभ क्या तुम मेरे घर पर आ सकते हो

1 दिन पिंकी ने सौरभ को कॉल किया सौरभ क्या तुम मेरे घर पर आ सकते हो सौरव बोला क्यों क्या हुआ पिंकी बोली आ जाओ ना कुछ काम है मुझे तुमसे कुछ कहना है सौरभ छुट्टी लेकर अपनी बाइक से पिंकी के घर गया और पिंकी बाहर आए तो देखा कार नहीं थी पिंकी पूछी तुम्हारी कार कहां है बाइक से क्यों आया हो सौरव बोला जहां मैं काम करता हूं कार वहीं पर है ज्यादातर मैं अपने काम के लिए अपनी ही बाइक लेकर घूमता हूं पिंकी बोली मुझे कार चाहिए बाइक से नहीं जाएंगे हम कॉफी पीने चलेंगे और कार से जाएंगे

 सौरभ ने मालिक को फोन किया 

 फिर सौरभ ने मालिक को फोन किया और बोला सर मुझे आपकी कार चाहिए मालिक बोला ठीक है ले लो आकर सौरभ पिंकी को बोला मैं 10 मिनट में कार लेकर आता हूं यहीं पर रुकना सौरभ 10 मिनट में कार लेकर आ गया और पिंकी बोली चलो शॉपिंग करने चलते हैं शॉपिंग मॉल पहुंचे और बहुत सारा शॉपिंग किया उतना पैसा सौरभ के पास नहीं था मालिक का जो क्रेडिट कार्ड था 200000 रुपए से ज्यादा का शॉपिंग कर लिया था पूरा भी सौरभ ने दिया शाम को मालिक को बोला सर क्रेडिट कार्ड में से ₹200000 मैंने खर्च किया है मैं आपको जल्द ही लौटा दूंगा

सौरव आ जाओ थोड़ा और शॉपिंग करनी है

 फिर दूसरे दिन फिर से पिंकी ने सौरभ को बुलाया पिंकी बोली सौरव आ जाओ थोड़ा और शॉपिंग करनी है फिर मालिक के कार से पिंकी के पास गया पिंकी बोली रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं खाना खाया अपनी सहेलियों को भी खिलाया 50,000 से ज्यादा बिल पर करवाया सौरभ फोन करके कर्जा लेकर पिंकी को खाना खिलाया शॉपिंग कराया उसके बाद चलते चलते कार के पास गए कार में बैठे थोड़े ही दूर जाते वक्त कार बंद हो गई आजू बाजू वाले चिल्लाने लगे क्यों तू अंधा है क्या क्यों गाड़ी रोक दी एल्बोड है क्या गाली देने लगे गाड़ी बंद इसलिए हुई थी

 क्योंकि पेट्रोल खाली हो गया था सौरभ ने बोला पेट्रोल खाली हो गया पिंकी बोली तुम कैसे आदमी हो गाड़ी में पेट्रोल नहीं है तुम मेरे साथ घूमने के लिए आए हो पेट्रोल डलवा लेना था ना बोला सौरव बोला कार मेरे मालिक की है मैंने देखा नहीं पेट्रोल कितना है तुमने बुलाया तो मैं जल्दबाजी में कार लेकर आ गया पिंकी ने सौरभ को एक थप्पड़ मारा और होठों से घर चली गई दूसरे दिन सौरभ पिंकी से मिलने के लिए गया पिंकी मिलना नहीं चाहती थी

सौरभ ने बुलाया और सारी बातें की क्यों 

 फिर भी एक बार प्लीज प्लीज बोलकर सौरभ ने बुलाया और सारी बातें की क्यों पिंकी क्या बात है मुझसे ऐसी क्या गलती हो गई तुम रास्ते में छोड़ कर आ गई पिंकी बोली मैं समझती थी तुम बड़े घराने के हो धन दौलत होके कोई भी कमी नहीं है तुम पर यही सोचती थी यही समझती थी इसीलिए मैंने तुमसे प्यार किया तुम तो भिखारी निकले तुम से कौन शादी करेगा आज से मेरे पास नहीं आना मुझे भूल जाना बोलकर ठुकरा कर अंदर चली गई सौरभ बहुत ज्यादा है टेंशन में आ गया था इतना सारा कर्जा भी हो गया था इसलिए उसने सोचा कुछ अच्छा काम करेंगे कुछ ऐसा करेंगे फिर जिंदगी देखती रह जाएगी मालिक से फिर से ₹500000 कर्ज लिया 

 2 साल के अंदर ही बहुत बड़ा रियल स्टेट बिजनेसमैन बन गया 

अपना रियल स्टेट का बिजनेस ओपन किया करते करते 2 साल के अंदर ही बहुत बड़ा रियल स्टेट बिजनेसमैन बन गया था इतनी पढ़ी लिखी पिंकी उसके स्टाइल उसके पैसों से प्यार करती थी लेकिन सौरभ से प्यार नहीं था कुछ दिन बाद पिंकी के पापा गुजर गए और पिंकी के पापा के भाई ने पूरी जायदाद को हड़प लिया पिंकी और पिंकी की मां रोड पर आ गए मजबूरन नौकरी करनी पड़ी पिंकी को नौकरी ढूंढते ढूंढते एक दिन सौरभ के ऑफिस में ही आई और बोली मुझे चेयरमैन से मिलना है पीछे सौरभ आया सौरभ को देखते तुम यहां काम करते हो सौरव बोला हां सौरभ अंदर गया और पिंकी को बुलाया पिंकी अंदर आते हैं मुझे चेयरमैन से मिलना है सौरव बोला मैं ही

सौरव बोला क्यों तुम्हारा जो पोजीशन है उसके लिए महीने में 20000 ही मिलेगा 

 चेयरमैन हूं बोलिए क्या चाहिए पिंकी बोले मुझे नौकरी चाहिए सौरव बोला क्यों तुम्हारा जो पोजीशन है उसके लिए महीने में 20000 ही मिलेगा तुम्हारी सैलरी 20000 ही होगी तुम तो 1 दिन में एक लाख से ज्यादा खर्च करने वाली 20000 में नौकरी क्यों करना चाहती हो पिंकी बोली मुझे माफ कर देना बोल कर अपनी पूरी कहानी बताएं पूरी बात बताने के बाद बहुत माफी मांगी और मुझे नौकरी नहीं चाहिए बोल कर चली गई और सौरभ ने फिर से बुलाया देखो मैं तुम्हारे जैसा नहीं हूं नौकरी करना चाहती हो तुम्हें कोई दिक्कत नहीं है तो तुम नौकरी कर सकती हो दूसरे दिन से नौकरी पर आने लगी और सौरभ ने बोला अभी भी कुछ भी नहीं बिगड़ा है मैंने तो तुमसे सच्चा प्यार किया था

जानते ही तुमने मुझे ठुकरा कर छोड़ दिया

 तुमने तो मुझ पर नहीं पैसों से ही प्यार किया था लेकिन मैं गरीब हूं यह जानते ही तुमने मुझे ठुकरा कर छोड़ दिया था अभी भी थोड़ा Love  बचा है तो मुझे कोई एतराज नहीं है मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं पिंकी बहुत खुश हो गई और शर्मिंदा भी थी फिर सौरभ ने उसको बोला तुम कल से नौकरी पर नहीं आओगी वीर सौरभ ने पिंकी के साथ शादी की पिंकी की मां को भी अपने साथ बुलाकर एक साथ रहे सच्चा प्यार तब से दोनों का शुरू हुआ।
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