Rulane wali sacchi kahani emotional story
दोस्तों हम नेक्स्ट पार्ट में आए अभी आगे क्या होता है उनकी शादी होने वाली थी वहीं से शुरू करते हैं पढ़ते रहिए आज होता है क्या इस लव स्टोरी में
दोनों की शादी तो हो गई लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद भी की है लड़की के घरवाले और लड़की बहुत खुश थे क्योंकि एक तो बड़े घर में जा रहे थे उनकी बेटी बड़े घर की बहू बनने वाली थी दूसरा यह था कि लड़की को लड़का बहुत ही पसंद आया था बहुत ही खूबसूरत था उनको क्या पता कि वह नौकर लेकिन लड़की को बहुत ही पसंद आया दोनों घर के लोग आते जाते हैं एक दूसरे के घर में जब भी उनके पास जाता नौकर को अपना बेटा है समझ कर बोल कर उनके घर और सुनाओ घर को लेकर जाता लड़की वाले भी खुश होते लड़के वाले भी लड़की के घर पर आते तो बहुत ही खुशी खुशी दिन गुजर रहे थे लड़की वालों ने लड़के वालों ने पंडित को बुलाकर इंगेजमेंट और शादी की बात कराने के लिए अच्छा दिन देखने के लिए पंडित को बुलाया पंडित ने 1 दिन इंगेजमेंट का दिया 15 दिन के बाद उनकी शादी का दिन भी निकाल कर दिया दोनों परिवार बहुत खुश है सबसे ज्यादा तो लड़की कुश्ती लड़की को लड़का बहुत ही पसंद आया गया था।
इंगेजमेंट में कोई लड़का नौकर को भेजा उस नौकर के साथ उसकी लड़की की इंगेजमेंट हो गई और भी ज्यादा खुश थे दोनों नौकर को भी लड़की तो पसंद आई थी बहुत ही उसको अच्छा तो लग रहा था लेकिन नौकर को तो मालूम था कि यह सब नाटक है यह तो मालिक की बहू बनेगी मालिक के बेटे पागल की बहू बनेगी ऐसे ही दिन गुजर गए शादी का दिन भी सामने आ गया शादी के दिन उसके पागल लड़के को शादी के लिए सजाया गया बहुत सारे फूल डालकर चेहरा ही ढका हुआ था शादी के मंडप पर हो पागल आया आखिर वो पागल तो पागल ही होता है कुछ हड़बड़ी हरकतें करने लगा कुछ बातें करने लगा बार-बार फूलों को इधर-उधर करने लगा उतने में सारे लोगों ने उसका चेहरा देख लिया और लड़की ने भी उसका चेहरा देख लिया लड़की ने साफ साफ मना कर दिया
कि आपका लड़का यह नहीं है जिससे मेरी इंगेजमेंट हुई और जिसको मैंने पहली बार देखा हमारा घर आया गया आपके साथ ही रहता था वह लड़का यह नहीं है लड़की ने साफ-साफ इंकार कर दिया फिर उसके घर वालों ने बातों को घुमा फिरा कर यह मेरा दूसरा बेटा है यह ऐसी हरकतें करता रहता है इसको क्या कैसे पता चला हमें पता नहीं हमारा बेटा जिससे शादी होनी है तुम सो तो अभी रेडी हो रहा है अभी आने वाला है इतना बोल कर बात को टाल दिया और उसी नौकर को सजाकर मंडप पर ले आए उस लड़के के साथ शादी भी हो गई किसी को पता नहीं था बाहर वालों की यह नौकर के साथ शादी करवा रहे हैं शादी हो चुकी थी शादी होने के बाद उसी दिन मालिक ने नौकर को कहीं बाहर जाने की सलाह की नौकर ने बाहर जाने की तैयारी भी कर ली थी लेकिन लड़की ने पकड़
लिया क्योंकि शादी की पहली दिन दूल्हा भाग जाना इतना आसान भी नहीं था और उस समय लड़की भी ध्यान दे रही थी उसको पूछा क्यों कहां जा रहे हो सारी पैकिंग करके वो बोला मेरे को अर्जेंट ली कुछ काम है मैं कहीं बाहर जाता हूं दो-तीन दिन के बाद आऊंगा दुल्हन भक्ति हुई ससुर सास के पास गई भोले देखिए मां जी पापा वह तो घर से बाहर जा रहे हैं आज ही हमारी शादी हुई है यह तो गलत बात है थोड़े दिन बाद जा सकते हैं ना आप उनको रोक दो फिर उसके सास और ससुर हाथ है उसको मनाने का नाटक करके अंदर ले आए और उस नौकर को बोला
मुझे कुछ अजीब सा हो रहा है बोलकर अलग कमरे में सोने के लिए कहां उस दिन दुल्हन अकेले अपने कमरे में सोए और उसको अलग कमरे में सुला दिया लड़की को कुछ अजीब सा तो लग रहा था कि अपने बेटे से यह लोग ऐसा क्या कर रहे हैं क्यों कर रहे हैं मन में सवाल तो आ रहा था दूसरे दिन उसके ससुर ने सच्चाई बता दी कि देखो बेटी मेरा बेटा तो वही है जो शादी के मंडप पर पहले आया था लेकिन मैं तुमको देखने के अगर उसको ले आता तो तुम शादी के लिए मना कर देती मेरा एक लोटा बेटा वही है उसकी ही शादी कराने की कोशिश कर रहा था
जिसके साथ शादी हुई है वह तो एक नौकर है उसके पास कुछ भी नहीं है उसके तो मां बाप भी नहीं है मेरा बेटा तो यही है अब ऐसे हालत में मैं क्या कर सकता हूं मेरी बात मानो तो भले ही शादी उससे हुई है पति मेरे बेटे को मान लो और हमारे घर में खुशी खुशी रहोगी लड़की बोली मुझे यह बात बिल्कुल भी मंजूर नहीं है जिससे मेरी शादी हुई है वही मेरा पति रहेगा मुझे बिल्कुल भी मंजूर नहीं है उसके सास-ससुर रोने लगे हमने तो सोचा था कि तुम मान जाओगे लेकिन तुम मान नहीं रही हो तो अब क्या करूं मेरा बेटा तो ऐसा है मेरे बेटे से कोई भी शादी नहीं करेगा यह सभी मुझे पता है इसीलिए मैंने यह सारा खेल खेला लेकिन हमें माफ कर दो और मेरे बेटे की पत्नी ही बनकर
घर में रह जाओ लाखों कोशिश की लड़की बिल्कुल भी नहीं मानी तुम्हारे बेटे की पत्नी होने से अच्छा है मैं मर जाऊं तब उसके सास-ससुर बोले नहीं ऐसा कुछ मत करो जैसा तुम ठीक चाहो वैसा ही होगा दूसरे दिन लड़की मंदिर पर गई हुई थी कुछ भुजाएं कर रही थी उसी समय मंदिर के पास उसके पति को कोई बुरी तरह से मार रहे थे मंदिर से भाग कर आई और पूछी क्यों क्या हुआ उन्होंने क्या किया क्यों मार रहे होउन गुंडों ने बोला तुम्हारे ससुर ने ही
हमें पैसा दिया है इसको इस गांव से भगाने के लिए दोबारा इस गांव में कभी ना आए ऐसा मारकर भगाने के लिए हमको पैसा दिया है यह सारी बात वापस आकर अपने सास-ससुर से बताई तो उसी दिन सास ससुर ने बोला आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा हमसे बड़ी भूल हो गई है तुम्हारे मां बाप को भी नहीं बताना आज से हमारा एक नहीं दो बैठे होंगे यह नौकर नहीं मेरा बेटा है आज से इसको हमारा बेटा ही मान लेते हैं बोला लड़की अपने पति
से पूछे तुम भी तो एक इंसान हो इतना सारा यह सब कुछ होने तक तुम पत्थर दिल हो क्या कुछ भी एक भी बात नहीं बोली तुमने उसका पति बोला मैं भी मजबूर था लेकिन घबराहट हुई थी उन लोगों को पहले समझाया बुझाया भी था लेकिन लोग माने नहीं प्यार तो मैं तुमसे करता हूं यह बात मैं इनको बताता तो उनको भी बुरा लगता उस दिन से उस नौकर का घर वही हो गया और उसके साथ ससुर ने भी उसको अपना बेटा मानकर अपने ही घर में रखा और पूरे परिवार खुशी खुशी जीने लगे।
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