रोडपति से करोड़पति कैसे बना How to become a millionaire from Rodapati

hindi story

रोडपति से करोड़पति कैसे बना How to become a millionaire from Rodapati

रोडपति से करोड़पति कैसे बना, How to become a millionaire from Rodapati

रोडपति से करोड़पति कैसे बना 


नसीब में क्या लिखा होता है वही होता है लेकिन मेरे नसीब में नहीं है कहकर हिम्मत हारना भी गलत है मेहनत तो करनी पड़ती है अगर किसी के नसीब में कुछ अच्छा लिखा होता है उसको भी मेहनत करनी ही पड़ती है उस के नसीब में अच्छा है कहकर समझकर सोचकर कोई भी मेहनत ना करते हुए नसीब में होने से भी हासिल नहीं हो सकती
आइए सुनते हैं एक आदमी रोडपति से करोड़पति कैसे बना

एक भिखारी था रोड पर ही सोता था और भीख मांग कर ही खाता था जिस दिन बिक ही नहीं मिलती तो भूखा ही सोता था फिर भी उसके हाथ पैर थे मेहनत नहीं करता था काम नहीं करता था तो भीख मांग कर ही खाता था उसने जिंदगी तो यही है मुझे भीख मांग कर ही खाना है सोच कर आगे बढ़ने की उसने कोशिश भी नहीं की पढ़ा लिखा भी नहीं था इसीलिए उसकी हिम्मत नहीं थी कि मैं कुछ कर सकता हूं इसीलिए वह भीख मांग कर ही खाता था रोड पर ही सोता था

एक दिन

एक लड़का हाथ में एक रोज फ्लावर का बहुत बड़ा गुच्चा लेकर आ रहा था बहुत नाराज लग रहा था वह लड़का नाराज इसलिए था कि उसको किसी लड़की ने प्यार में धोखा दिया था उससे मिलने के लिए उसी जगह पर बुलाया था लेकिन वह लड़की नहीं आने की वजह से लड़का नाराज था हाथ में बहुत बड़ा रोज फ्लावर का गुच्छा था

उस भिखारी ने बोला

कुछ खाने के लिए दे दो बाबूजी मैं 2 दिन से भूखा हूं कहकर भीख मांगने लगा था उस लड़के ने मेरे पास कुछ भी नहीं है कह कर फूल का गुच्छा उस भिखारी के पास छोड़कर चला गया उस अधिकारी ने उस फुल्के गुच्छे को खोलो बहुत ही सुंदर अच्छे-अच्छे ताजे ताजे रोज थे सभी रोज को अलग अलग किया और एक एक रोज रोड पर ही बेचने लगा उस रोज के फ्लावर को बेचकर उसने ₹250 कमा लिया उस भिखारी को बहुत अच्छा लगा ₹250 तो कभी भी उसको एक नहीं मिली और पेट भर खाना भी कभी नहीं मिला था इसलिए उसने उस दिन भी भूखा रहने का फैसला किया और भीख मांगना छोड़ कर सारे पैसों का फ्लावर लेकर आया बहुत सारा फ्लावर आ गया था ऐसे ही रोड पर एक-एक करके बेचने लगा उसको अच्छा प्रॉफिट हुआ धीरे-धीरे उसने 3 महीने के अंदर ही फ्लावर का दुकान नहीं खड़ा कर दिया

जिसने फ्लावर फेंके थे उसके पास वही लड़का एक दिन उसकी फ्लावर की दुकान पर आया और कहा भैया मुझे फ्लावर दे दो फ्लावर का दुकानदार बोला भाई साहब आपने मुझे पहचाना क्या उसने बोला नहीं मैंने नहीं पहचाना आपको उस दुकान वाले ने बोला मैं आपको पहचानता हूं साहब उस लड़के ने बोला यह सारी बातें छोड़ो आप मुझे एक अच्छा सा रोज दे दो उस दुकान वाले ने उसको एक अच्छा सा रोज फ्लावर दिया और लड़के ने कहा भाई साहब यह इसके कितने पैसे हुए दुकानदार बोला साहब आपके लिए यह फ्री में देता हूं

लड़का बोला

क्यों फ्री में दे रहे हो सबको फ्री में देते हो क्या

दुकानदार बोला नहीं सब सबको फ्री दूंगा तो मैं क्या कमा लूंगा क्या खाऊंगा सिर्फ आपको दे रहा हूं

लड़का बोला
क्यों मुझे फ्री में देना चाहते हो

दुकानदार बोला

आज मेरी फ्लावर की इतनी बड़ी दुकान है तो सिर्फ आपकी वजह से है साहब नहीं तो मैं अभी भी रोड में भीख मांगता हुआ दिखता आपको कुछ याद आया क्या जब मैंने आपसे भीख मांगी थी तो आपने पैसे के ज्यादा अपना रोज फूल पूरे मेरे पास छोड़ कर गए थे वही फ्लावर बेचकर मैंने कुछ पैसे कमाए और मेरी सोच भी बदल गई धीरे-धीरे उसी ही फ्लावर से मैंने यह दुकान खड़ी की है

लड़का बोला

मुझे उतना याद नहीं है लेकिन उस समय जो भीख मांग रहे थे आप ही थे क्या

हां साहब नहीं था आपको तो याद नहीं होगा शायद आप बहुत परेशान लग रहे थे जिसके लिए आपने फुल खरीदे थे वह आपको मिलेंगे या नहीं उसने कहा मेरे नसीब में नहीं था इसलिए मुझे नहीं मिली हो मेरी प्रेमिका थी

फुल वाला बोला

अभी यह रोज किसके लिए लेकर जा रहे हो साहब

लड़का बोला मेरा प्यार सच्चा था यह भी वही दिन है जिस दिन मैंने आपके पास फुल छोड़कर चला गया था इसीलिए याद करने के लिए यह फूल खरीद रहा हूं

फुल वाला बोला

साहब हिम्मत मत हारिए अगर आपका प्यार सच्चा है तो आपको किसी भी कीमत पर आपका प्यार मिलेगा यह मेरा विश्वास है अगर आप सच्चा प्यार करते हैं तो आपको प्यार मिल ही जाएगा इतना सुनते ही लड़का धन्यवाद बोल कर चला गया
रोडपति से करोड़पति कैसे बना How to become a millionaire from Rodapati

रोडपति से करोड़पति कैसे बना 



3 साल बाद वह लड़का अपनी बीवी और एक छोटा सा बच्चे के साथ एक बहुत बड़े फाइव स्टार होटल में खाना खाने आया और होटल में खाना खाते वक्त उसने उस फूल वाले को उस होटल में देखा और कहा भाई साहब मैंने आपको कहीं देखा है

फुल वाला बोला

मैं तो भुला नहीं हूं साहब आपको मैं अच्छी तरह से पहचानता हूं

लड़का बोला

आप फूल बेचते थे ना वहां पर आप वही हो आप यहां कैसे आना हुआ

फूल वाला बोला

मैंने फूल की दुकान है छोड़ दी है साहब

लड़का बोला

क्यों क्या बात है क्या हुआ फूल की दुकान क्यों छोड़ दी आपने

फूल वाला बोलता है

फूल की दुकान बेचकर मैंने होटल खरीद लिया है साहब यह होटल मेरा ही है

यह बात सुनकर लड़का हैरान हो गया और उससे बहुत सारी बात की और सारी बात अपनी पत्नी को भी बताएं उस विकारी की बात सारी बधाई उसके फेंके हुए छोड़े हुए फूल से वह आज करोड़पति बना है सारी बातें बताएं

कुछ साल पहले जब को भीख मांगता था उसको कोई देखता भी नहीं था उससे कोई बात भी नहीं करता था जब उसका खुद का होटल ही बन गया तो बड़े-बड़े लोग उसके होटल में खाना खाने आते रहने हते उसकी इज्जत इतनी बढ़ गई कि उसकी दौलत से भी ज्यादा उसकी इज्जत बढ़ गई थी और सबसे ज्यादा हैरान तो वह हुआ जिसने उसकी पूरी जिंदगी की कहानी अपने आंखों से देखी थी।

दोस्तों यह कहानी है पर खत्म होती है जिंदगी में कभी भी कोशिश तो करनी ही पड़ती है लाखों कोशिश के बाद भी नहीं होता तो उसको नसीब कहते हैं अगर कोशिश करने से कुछ काम ना हो ऐसा कोई काम नहीं कोशिश मेहनत तो हमें कभी भी नहीं छोड़नी चाहिए हिम्मत भी नहीं होनी चाहिए

अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी शेर जरूर कर दीजिएगा

 धन्यवाद
Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)