एक भिकारी बनी डॉक्टर हिंदी स्टोरीएक हरी बना डॉक्टर हिंदी स्टोरी/ A green doctor became a Hindi story

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 एक हरी बना डॉक्टर हिंदी स्टोरीएक हरी बना डॉक्टर हिंदी स्टोरी/ A green doctor became a Hindi story

                     
एक हरी बना डॉक्टर हिंदी स्टोरीएक हरी बना डॉक्टर हिंदी स्टोरी,A green doctor became a ,Hindi story

green doctor became a Hindi story

दोस्तों अगर हम मेहनत करें मुसीबत का सामना करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी

एक गांव में महामारी बीमारी आ गई और आस-पास में कोई हॉस्पिटल भी नहीं था उस महामारी के कारण कई लोग जान गवा बैठे ऐसे ही एक घर में एक पति पत्नी और उनकी बेटी रहते थे बेटी बहुत छोटी थी उस महामारी के कारण उसकी मम्मी गुजर गई उस लड़की का पिता रात दिन रोता रहता था क्योंकि बच्चे भी बहुत छोटी है और उस महामारी के कारण अपनी पत्नी को खो दिया था इसलिए अपने आंसुओं को रोक नहीं पाता था रात दिन रोता रहता था ऐसे ही दिन गुजरता गया उसकी आंखें बहुत कमजोर हो गई और इलाज करने के लिए उसके पास पैसे भी नहीं थे कुछ दिन बाद आंख से कुछ दिखाई भी नहीं देने लगा

बेटी बहुत छोटी थी अब घर को कौन चलाएगा बेटी की देखभाल कौन करता बेटी 4 साल की थी पिता ने कहा अपनी बेटी से बेटी अब मैं तो कुछ देख नहीं सकता अब हमारा घर कैसे चलेगा तुम मेरे साथ चलो और भीख मांग कर अपना पेट भरेंगे कहकर अपनी बेटी को साथ लेकर पूरे गांव में खाने के लिए एक मांगता रहता था हर दिन एक मानकर ही खाते रहते कभी कुछ लोग देते तो कभी कुछ लोग नहीं देते कभी भूखा ही रहना पड़ता गांव में एक छोटा सा स्कूल भी था बच्ची पहले तो स्कूल जाती थी जैसे ही अपने पिता के आंख चले गए तबसे

 स्कूल भी छोड़ दिया था भीख मांग कर खाते थे उसी गांव में एक पैसे वाला आदमी था बड़ा घर था गाड़ी बंगला सब कुछ था उनके घर हर रोज जाते थे थोड़ा कुछ बचा है तो दे दो हम लोग भूखे हैं कहते थे उस बड़े घर के लोगों ने एक दिन कहा इन भिखारियों को यहां से जल्दी बताओ कुछ बचा है तो दे दो कहां और बेटी और बाप ने यह बात सुन ली और उस दिन उस घर से उन्होंने भी नहीं लिया चले गए हो बस गांव के एक घर की महिला ने उस बच्ची को कहा अगर तुम मेरे घर में काम करोगी तो कुछ पैसे दूंगी उसकी बेटी ने कहा हां मलकिन मैं जरूर करूंगी हर रोज जाती थी उस घर के सफाई और टॉयलेट साफ करती थी थोड़े से पैसे देती थी उसी पैसों से अपने पापा का पेट भी

 भर्ती अपना पेट भी कुछ दिन बाद अपने पापा से कहा मेरे पास थोड़े पैसे हो गए हैं पापा मैं अब फिर से स्कूल जाऊंगी हमें भीख मांगने की जरूरत नहीं है वैसे भी लोग हमें भला बुरा कहते हैं स्कूल भी जाऊंगी और आप की देखभाल भी करूंगी कुछ रुपए बचे है इस के खिलौने खरीद कर स्कूल से आने के बाद इनको बेचकर गुजारा करूंगी पापा रोते हुए कहा मैं क्या करूं बेटी मैं भी मर जाता तो तुम अकेली तू कुछ भी करके खा लेती साथ में मुझे भी खिलाना पड़ रहा है इतनी छोटी उसके पिताजी बहुत रोने लगे और अपने पिताजी को उस बच्चे ने कहा मैं ऐसे ही मेहनत करती रहूंगी पापा एक दिन मैं डॉक्टर बनकर आपकी आंखों के इलाज भी करूंगी यह बात सुनकर उसके पिताजी को

 अच्छा तो लगा लेकिन उसके पिताजी को यह सिर्फ कहानी जैसी लग रही थी उस बच्ची का साथ एक टीचर लेडीस ने दिया और कहा तुम चिंता मत करो तुम अच्छी पढ़ाई करते हो अच्छी पढ़ाई करो तुम्हारा साथ मैं दूंगी गांव वाले के सामने अभी तुम्हारी कोई भी इज्जत नहीं है इनको कुछ बनकर दिखाना बेटी उस बच्ची ने कहा बस मुझे इतना सा आपका सपोर्ट मिला तो बस कहा और अच्छी सी पढ़ाई भी की दिन गुजरता गया पढ़ाई में टॉप टॉप आने लगी दिन रात मेहनत करती हुई थी और डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए उसको शहर जाना था अपने पिताजी को कहा मैं पढ़ाई के लिए शहर जाना चाहती हूं पापा लेकिन आप क्या करोगे मैं क्या करूं समझ में नहीं आ रहा यह बात टीचर को भी कहीं उस टीचर ने कहा तुम्हारे पापा का ख्याल हम लोग रख लेंगे तुम बेफिक्र होकर अच्छी सी पढ़ाई करना और डॉक्टर ही बन कर

 आना बेटी कहा बेटी रोती हुई शहर की तरफ चली गई और कुछ दिन बाद उसकी डॉक्टर की पढ़ाई भी खत्म हुई और अच्छी लगती भी बनी कुछ साल बाद उस गांव में फिर से वही महामारी आई और गांव के सारे लोग बीमार पड़ गए और जिस बड़े घर के लोगों ने उनका अपमान किया था इन गरीब भिखारियों को कुछ देकर भगाओ कहा था उसका बेटा और उसका पति भी ज्यादा ही बीमार था थोड़ी ही देर में एक खबर आई शहर से सरकार के तरफ से कुछ डॉक्टर लोग भेज रहे हैं यह सुनकर गांव वाले खुश हो गए और 2 दिन बाद एक बड़ी सी कार में एक डॉक्टर आई और वह डॉक्टर और कोई नहीं थी कोई भीख मांगने वाली बच्ची थी गांव वाले उसको देखकर उसका सम्मान किया और उसको बधाई दी गांव के सारे लोगों ने उसका सम्मान किया लव की हार डालकर थोड़े दिन बाद अपने पिता का रेड इलाज किया और उसके पिता भी आंख देखने लगे।

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दोस्तों जिंदगी में मुसीबत तो आती है लेकिन उसका सामना करना सीखना होता है हार कभी भी मन में नहीं होती है जब हमें कुछ हासिल करना होता है। 


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