अगर कोशिश करें तो नामुमकिन कुछ भी नहीं Hindi story

hindi story

अगर कोशिश करें तो नामुमकिन कुछ भी नहीं Hindi story


अगर कोशिश करें तो नामुमकिन कुछ भी नहीं Hindi story


दोस्तों नमस्कार हमारे इस www.rokaya.co.in साइट में आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस साइट में ऐसी ही रोमांचक मोटिवेशनल स्टोरीज कहानियां मिलेंगी
चलिए आगे चलते हैं इस कहानी में क्या होता है

Hindi story
बिजली का बल्ब बनाने वाले ने ,999 बार बल्ब बनाने में असफल रहा लेकिन 1000 बार में सफल हुआ जरा सोचिए अगर ए बल्ब बनाने वाला है इतनी कोशिश करने वाला बीच में हार मान लेता तो आज हमारे घर में शहर में बिजली का बल्ब होता
Hindi story

एक शहर में एक लड़की पैदा हुई वह लड़की को डॉक्टर ने कहा जीवन में एक लड़की कभी भी चल नहीं पाए गीत
लड़की 3 साल की हो गई जैसा कि डॉक्टर ने कहा था लड़की चल नहीं पाती थी बाकी सब ठीक-ठाक था मां बाप ने बहुत कोशिश की उसका इलाज बहुत सारे हॉस्पिटल में करवाया फिर भी उसका चलना नामुमकिन था धीरे धीरे लड़की बड़ी होती है 5 साल की उम्र में लड़की ने सोचा क्यों मैं चल नहीं पाती काश मैं चल पाती तो मैं भी भागती दौड़ती सारे बच्चों के जैसे मैं भी खेलती

छोटी सी बच्ची टीवी में देखती थी भागने का रेस फुटबॉल खेलने का जो भी प्रोग्राम देखती भागने का प्रोग्राम उसको पसंद था लेकिन खुद चल नहीं पाती थी इलाज करते करते मां-बाप भी थक गए थे और उसके मां बाप ने ऐसा कोई भी हॉस्पिटल नहीं छोड़ा जहां उसका इलाज ना किया हो किसी भी हॉस्पिटल में उसका इलाज नहीं हुआ यह बात लड़की को भी धीरे-धीरे समझ आया था कि मैं चल नहीं पाती आखिर क्यों धीरे-धीरे लड़की की उम्र बढ़ती गई


 और पढ़ाई तो उसकी चल नहीं रही थी उसने सोचा मैं चलने की कोशिश करूंगी ऐसे ही खेलकूद में हिस्सा लेकर जीतू भी लड़की ने बहुत सारी कोशिश की चलने की कोशिश की भागने की कोशिश की बहुत बार उसको चोट भी आई बहुत दुख दुख भी हुआ दर्द भी होगा फिर भी लड़की ने हार नहीं मानी भक्ति रहे चलती रही कोशिश करती रहेगी धीरे-धीरे बिल्कुल भी ना चलने वाली लड़की चलने लगी चलते चलते बहुत बार उसको चोट भी लगी उसने हार नहीं मानी अकेली अकेली भागती दौड़ती बहुत सारी कोशिश की बिल्कुल भी हिम्मत नहीं हारी क्योंकि उसका एक ही सपना था मैं भी खेलकूद भागते हुए रेस में जीत हासिल करना चाहती थी ऐसे ही कोशिश जारी रखें

 उसको बहुत चोट तो आई हिम्मत कभी नहीं हरि लड़की 16 साल की हो गई 16 साल के बाद उसने भागते तो उठते रेस में भाग लिया पहली बार उस ने भाग लिया था बेचारी लड़की ने हार लिया फिर भी उसने हार नहीं मानी कोशिश करती रही फिर से उसने भाग लिया फिर से हार गई फिर से भाग लिया फिर से हार गई ऐसे ही करते करते इतनी बार हारते हुए भी उसने हार नहीं मानी अगर उसकी जगह कोई और होता हार मान चुका होता

 लेकिन उसने हार नहीं मानी उसका एक ही सपना था जितना जीत हासिल करना हर वक्त कोशिश करती थी प्रैक्टिस करती थी और उसने फिर से हिस्सा लिया उस पर उस ने जीत हासिल की जीत हासिल करने के बाद अपने आप पर इतना ज्यादा विश्वास हुआ और उसके सपने जो पूरे हो गए थे विश्वास तो होना ही था उसको ठीक ना होने का बात कर रहे थे डॉक्टर लोग और लोग भी हैरान हो गए जो इलाज किसी डॉक्टर ने नहीं कर पाया कोई इलाज खुद एक मरीज ने कर दिखाया कुछ महीने बाद वर्ल्ड भाग दौड़ रेस में भी उसी लड़की ने मेडल जीता नंबर वन पर भाग दौड़ में उस लड़की ने जीत हासिल की

Hindi story
दोस्तों कहते हैं जो सपना होता है उस सपने को अगर आप अपना बोले कोशिश करते रहें हार न मानी जो भी कुछ में परेशानी आएगी उस परेशानियों का सामना करेंगे तो जीत तो होनी ही होनी है लेकिन हार कभी भी नहीं मानी चाहिए अगर बीच में हार मान ली तो कुछ भी हासिल नहीं कर सकते।


Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)