हिंदी सच्ची कहानी पोलिस की करतूत real story Hindi

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हिंदी सच्ची कहानी पोलिस की करतूत real story Hindi

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मैं एक बड़े घर में काम करता था करीब 9 साल से काम करता रहा था उस घर में बहुत सारे लोग रहते थे एक ही परिवार के घर भी पड़ा था उस घर के लोग कभी कभी बाहर भी जाया करते थे कभी ट्रेन से लौटते तो कभी एरोप्लेन से एरोप्लेन से वापस लौटते या जाते तो ड्राइवर को बोलते थे उस घर का कोई भी सदस्य अगर कहीं से अकेला ट्रेन से आ रहा है तो मुझे बुलाते थे पिकअप करने के लिए एक बार मेरा मालिक ट्रेन से आ रहा था 

रात को मुझे फोन किया सुबह को 6:30 बजे रेलवे स्टेशन पर आ जाना टू व्हीलर लेकर मैंने कहा ठीक है सुबह 6:00 बजे मैं निकला रेलवे स्टेशन के लिए जैसे ही रेलवे स्टेशन पहुंचा मैं रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर डालने लगा कि कौन सी ट्रेन कितने बजे पहुंच रही है मैंने गाड़ी को आफभी नहीं किया था 

एक पुलिस वाला मुझे बुलाया मैंने कहा ठीक है सर मैं गाड़ी पार्किंग को लगा कर आता हूं पुलिसवाला वहीं पर पहुंचकर मेरी गाड़ी का चाबी छीन कर लेकर गया मैंने कहा क्यों सर क्या बात है रेलवे स्टेशन के अंदर जाकर मुझे बुलाया अंदर आ जाओ बड़े सब बुला रहे हैं मैंने कहा अंदर आने के लिए मुझे प्लेटफार्म टिकट लेना होगा

 पुलिसवाला खुद बाहर आकर मुझे जबरदस्ती अंदर लेकर गया प्लेटफॉर्म के अंदर मैंने पूछा क्या बात है सर पुलिसवाला मुझे बोलता है प्लेटफॉर्म टिकट किधर है प्लेटफॉर्म टिकट दिखाओ मैंने कहा प्लेटफार्म टिकट लेने का मौका ही नहीं दिया आपने जबरदस्ती मुझे गजट कर अंदर आप ही लोग लेकर आए प्लेटफार्म टिकट मुझे कहां से मिलेगा पुलिसवाला मुझसे 1500 मांगने लगा मैंने कहा क्या चीज का 1500 देना है पुलिसवाला बोला गाड़ी नो पार्किंग का और बीना प्लेटफार्म टिकट प्लेटफार्म पर आने का मैंने कहा प्लेटफार्म टिकट तो आपने लेने ही नहीं

 दिया और गाड़ी भी पार्किंग करने आप लोगों ने ही नहीं दिया फिर भी मुझसे पैसा क्यों मांग रहा हो पुलिसवाला मुझे डराने लगा श्रीधरा से पैसा देता है या अंदर डालु मैंने कहा कि सरपंचों रुपए में दूंगा लेकिन मुझे राशिद चाहिए उसने कहा कोई भी रसीद नहीं मिलेगी मैंने कहा पैसा नहीं दूंगा

 पुलिस ने कशीट कर सीधा पुलिस स्टेशन पर लेकर गया रेलवे स्टेशन के पुलिस स्टेशन पर मैंने हुनर को फोन किया फोन और को बोला पुलिस वाले लोग मुझे पकड़कर पुलिस स्टेशन लेकर आया है रेलवे स्टेशन पर आ गया आ जाइए थोड़ी देर बाद मेरे मालिक की ट्रेन भी आ गया और मालिक रेलवे स्टेशन के पुलिस स्टेशन पर आया मेरे मालिक पुलिस से पूछताछ करने लगे क्यों क्या बात है इसको क्यों लाया गया है पुलिस लोगों ने मेरे ऊपर अधीन केस दर्ज करके रखे हुए थे जोकि सारे झूठे थे पहला केस गाड़ी नो पार्किंग लगाने का दूसरा केस बीना प्लेटफार्म टिकट अंदर आने का तीसरा किस प्लेटफार्म पर सिगरेट पीने का

मेरे मालिक ने बोला तुम लोगों को कितना पैसा चाहिए पुलिस वाले लोग बोले केस दर्ज हो चुका है अभी आप इसको नहीं ले जा सकते कोर्ट में आकर गवाही देनी होगी मेरा मालिक घर चला गया मेरे को बोला तुम मुझे ही पर बैठो मैं आऊंगा मेरे मालिक ने अपने बड़े भाई को भेजा उनकी फोन ऊपर तक थी थोड़े बड़े लोग उनके दोस्त भी थे और बड़े मालिक आ कर पूजा पुलिस वालों को क्या बात है दिन के दिन केस लगाया हुए थे 

मेरे ऊपर झूठे थे लेकिन होनर ने बोला रेलवे स्टेशन पर हर जगह सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं मुझे सीसीटीवी फुटेज देखना है अगर इसने ऐसी गलती की है तो इसको जो भी सजा देना है दे दो मैं इसके पक्ष में नहीं बोलूंगा इसमें से एक भी बात झूठी निकली तो तुम लोगों का क्या हालत होता है मैं बाद में देख लूंगा पुलिसवाला बोला जो भी करना है कर लो वह नर नहीं किसी बड़े आदमी को फोन लगाया और कहा फलाने पुलिस स्टेशन में कुछ थोड़ा प्रॉब्लम हो गया है क्या करना है उस बड़े आदमी ने उस पुलिस स्टेशन को फोन करके बोला मामला क्या है उन लोगों ने झूठ बोलकर दिनेश तो ऑलरेडी डाले थे पुलिस वाले बोले ₹5000 फाइन वर्क आप इसको ले जा सकते हैं मेरा मालिक बोला क्यों 5000 देना मुझे सीसीटीवी फुटेज चाहिए ही चाहिए

सीसीटीवी फुटेज के लिए पुलिस का बड़ा आदमी का परमिशन लेना पढ़ता था इसीलिए वह लोग सीसीटीवी फुटेज नहीं दिखा रहे थे मेरे मालिक को सीसीटीवी फुटेज चाहिए ही चाहिए थे इसीलिए पुलिस वालों ने बोला आप लोग फाइन भर के ले जाओ मेरा मालिक बोला मुझे फाइन मरना है तो उसके बाद ही भर लूंगा लेकिन पहले मुझे सीसीटीवी फुटेज चाहिए पुलिस वाले बोले ठीक है सीसीटीवी फुटेज में ऐसा कुछ भी नहीं था जैसा कि उन लोगों ने मेरे ऊपर केस दर्ज किया था प्लेटफॉर्म पर सिगरेट पिया हुआ था ना तो बिना टिकट प्लेटफार्म का अंदर आया था पुलिस अंदर लेकर आई थी और गाड़ी भी पार्किंग करने नहीं दिया पूरी गलती पुलिस वालों की थी कुछ पैसे लूटने की लेकिन पुलिस को पैसा नहीं मिला तो झूठे केस दर्ज कर के अंदर डालने का प्लान किया था इतना सब देखने के बाद मेरे मालिक ने बोला तुम लोगों को अभी क्या करना है पुलिस वालों ने जो भी दर्ज किया था मामला सभी रद्द करके एक भी पैसा ना लिए वापस भेज दिया।

दोस्तों कार पुलिस वाले ऐसे नहीं होते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं रिश्वतखोरी और गरीबों से डरा धमका कर पैसा लेने के लिए कुछ पुलिस वालों का यह धंधा होता है सारे पुलिस वाले वैसे नहीं होते कुछ लोग अच्छे भी होता है लेकिन ऐसे लोगों की वजह से ही दुनिया में कहीं भी ऐसे लोगों की वजह से ही पुलिस की इज्जत कम हो जाती है।


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