एक गरीब मां और बेटे की कहानी / Story of a poor mother and son

hindi story

एक गरीब मां और बेटे की कहानी / Story of a poor mother and son

Story of a poor mother and son

                                 Story of a poor mother and son,hindi story

एक गांव में बहुत ही गरीब परिवार रहता था उस परिवार में एक मा थी और मां का छोटा सा बेटा पति गुजरात कुछ साल बीत गए थे उनके पास छोटा सा बेटा था उनके परिवार में दो ही लोग थे पति मरने के बाद पूरी जिम्मेवारी अपने सिर पर आ गई बेटे की पढ़ाई घर का खर्चा उस दुखी मां को झेलनी पड़ी

 Story of a poor mother and son hindi story

घुस माने दूसरों के घर पर काम करके अपना घर चला आया घर भी किराए का था खुद का घर नहीं था बेटे को पढ़ाती भी थी और खाने का खर्चा बिजली बिल पानी बिल घर का भाड़ा उसको थोड़ी सी भी आराम करने का समय नहीं मिलता था दिन में दूसरों के घर काम करके आती और गांव में कोई भी फंक्शन या शादी कुछ भी हो खाना बनाने के लिए वहां भी चली जाती कुछ ना कुछ करके बच्चे को सातवीं क्लास तक पढ़ाया कुछ दिन बाद उस मां का जो पार्ट टाइम काम करती थी शादी विवाह का खाना बनाने का काम नहीं मिल रहा था घर का किराए देने के लिए रुपए नहीं बस सो रहे थे जिसके घर पर रहती थी उस मकान मालिक नहीं कहा मुझे मेरा घर का किराया बराबर टाइम पर ही मिलना चाहिए नहीं तो आप खाली कर सकते हो

औरत ने कहा थोड़ा सा टाइम दे दो मैं आपका किराया चुका दूंगी अभी बच्चे का एडमिशन भी है खर्चा मुझे ज्यादा है थोड़ा वक्त दे दो मैं आपका घर का चुका दूंगी उसके घर का बिजली का बिल भी ज्यादा आता था इसलिए कि उसका बेटा देर रात तक पढ़ाई करता था और सुबह 3:00 बजे उठकर लाइट जला कर पढ़ाई करता था उसकी मां ने कहा बेटा बिजली का बिल ज्यादा आ रहा है हम बिजली को कम यूज करेंगे पढ़ाई करने के लिए मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई करता था उसका एक ही सपना था पढ़ाई-लिखाई करके कलेक्टर बनने का थोड़े दिन दुख हुआ

 फिर से उसकी मां को खाना बनाने का काम मिलने लगा और थोड़ा-थोड़ा करके घर मालिक का किराया भी चुका दिया बेटा चाहता था शहर मैं जाकर पढ़ाई करके कुछ ऐसा करो कि हमारी गरीबी हट जाए सोच तो थी लेकिन अपने मां को कह नहीं पाता था एक दिन अपनी मां के साथ गया जहां उसकी मां काम करती थी वहां पर उसको न्यूज़पेपर मिला और न्यूज़पेपर पढ़ने लगा पुष्कर की मलकिन ने कहा क्या तुम न्यूज़ पेपर पढ़ रहे हो तुम तो अपने मां को कुछ काम में हेल्प करनी चाहिए आराम से पेपर पढ़ रहे हो उसने कहा नहीं मलकिन मुझे बड़ा आदमी

 बनना है इस पेपर में जितना भी लिखा है इतना बड़ा किताब हम खरीद नहीं सकते इसलिए आपका यह न्यूज़ पेपर पढ़ रहा हूं लड़का भी पढ़ाई में बहुत तेज था और उसका एक ही सपना था कलेक्टर बनने का हर वक्त किताबें पढ़ता रहता स्कूल में भी उसका अच्छा रिजल्ट आता था स्कूल में उसका एक अच्छा टीचर था जो कि उसको पढ़ाई में देते हुए उसके सिर पर हाथ रखकर ऐसे ही पढ़ाई करना बेटा एक दिन जरूर बड़े आदमी बनोगे हर रोज ऐसा ही करता था 1 दिन उस लड़के ने कहा मास्टर जी मैं पढ़ाई तो करना चाहता हूं लेकिन मुझे इसके लिए शहर जाना होगा शहर जाने के लिए मेरे पास इतने पैसे नहीं है मेरे परिवार में मेरी मां हो और मैं हूं मेरा और कोई भी नहीं है घर भी किराए का है मां पूरे दिन काम करती है बड़ा मुश्किल से खाना मिलता है कैसे बड़ा बन सकता हूं फिर भी

 जितना हो सकता है इतनी कोशिश मैं कर ही रहा हूं उसका टीचर बोला ऐसा नहीं बोलते बेटे कोशिश करो खूब कोशिश करो कहा और टीचर के आंखों से पानी निकला दूसरे दिन टीचर ने कहा बेटा मैं एक बात बताता हूं तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा उस बच्चे ने कहा नहीं मास्टर जी आप बोलिए उसने कहा मैं तुम्हें शहर भेजता हूं और तुम्हारी पढ़ाई का खर्चा पूरा नहीं उठाऊंगा तुम अच्छी सी पढ़ाई करो जैसा कि अभी कर रहे हो जब तक तुम कलेक्टर नहीं बनते तब तक अच्छी पढ़ाई करो उसने लड़के ने कहा मैं मेरी मां को पूछ कर बताता हूं मास्टर जी टीचर बोला है

 ठीक है बेटा दूसरे दिन बच्चा बोला मेरी मां ने परमिशन दे दी है मास्टर जी आप मेरी मदद कर सकते हो उस टीचर ने उस बच्चे को शहर भेजा और उसने अच्छी सी पढ़ाई भी की पढ़ाई करते-करते उसने कलेक्टर का एग्जाम भी देने का दिन आया और उसी दिन कलेक्टर का एग्जाम देने के लिए जा रहा था वही सोच रहा था काश मैं पास हो जाता और कलेक्टर बन जाता सोच में डूबा हुआ था ऐसे ही चलते चलते बीच रोड पर चला गया उसको पता ही नहीं

 था सामने से एक मोटरसाइकिल आकर उसको ठोक दिया और उसका हाथ डैमेज हो गया फिर उसने सोचा अभी मैं एग्जाम देने के लिए जा रहा हूं आज मैं एग्जाम नहीं दूंगा तो शायद मुझे कभी यह मौका नहीं मिलेगा उसको दर्द तो हो रहा था फिर भी उसने सोचा झूठ तो मेरे बाएं हाथ में है मैं अपने दाएं हाथ से एग्जाम लिख कर दे सकता हूं अगर हॉस्पिटल जाऊंगा तो मेरा एग्जाम का टाइम चला जाएगा और एग्जाम दे नहीं पाऊंगा सीधा एग्जाम देने चला गया उसने एग्जाम भी दे दिया एग्जाम देकर अपने घर लौटा थोड़े ही दिन बाद उसका रिजल्ट आया वह पास हुआ था और कलेक्टर भी बन गया उसकी मां इतनी खुश हुई कि शायद उसकी मां जिंदगी में कभी भी खुश नहीं हुई होगी।
 Story of a poor mother and son, hindi story
एक गरीब मां और बेटे की कहानी / Story of a poor mother and son
Story of a poor mother and son, hindi kahani
दोस्तों सबसे बड़ी हिम्मत है और हर मुश्किलों का सामना अगर कर पाते हैं तो सफलता तो मिलने ही मिलनी है लेकिन हम हार जाते हैं सामने जो मुसीबत आती है तो हम हार मान लेते हैं इसीलिए हम अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचते अपना रास्ता बदल देते हैं अगर किसी भी चीज को हासिल करना है सामने जो भी मुसीबत आएगी उसको हराने की कोशिश करना है और खुद नहीं हारना है।

Tags

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)