इंसान की कहानी सिर्फ इंसान एक ही इंसान

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इंसान की कहानी सिर्फ इंसान एक ही इंसान


एक ऐसा देश था जिसमें धर्म को लेकर लोग एक दूसरे गला काट लेते थे कई साल से ऐसा ही चलता रहा हिंदू मुस्लिम का ज्यादा झगड़ा होता रहता था उस देश में गवर्नमेंट भी ऐसा ही था जिसकी गवर्नमेंट हुई कभी भी झगड़े में लफड़े में ही पढ़ते रहते थे लोगों की लाश की ढेर लग जाती थी चाहे हिंदू हो या मुस्लिम हिंदू मुस्लिम को लेकर बहुत ही बुरा हालत हो गया था उस देश में उसी देश में एक ऐसा शख्स पैदा हुआ छोटे से लेकर राजनीतिक में घुस गया धीरे-धीरे करके कई साल के बाद उस देश का प्रधानमंत्री भी बन गया जब और छोटा पोजीशन में था तब ओ सोचता था कि अपने देश को बचाएगा अपने देश के लिए कुछ करेगा ऐसे ही सोचते सोचते राजनीतिक में उसको

 40 साल गुजर करें आखिर बुड्ढा हो गया था प्रधानमंत्री बनने के बाद उसने संविधान को बदला संविधान में ऐसा लिखा उसने की अब मेरी सरकार है मेरी सरकार को मैं बदलूंगा संविधान में उसने कोई भी जात का नाम नहीं रखा अपने देश में जो भी है सभी ना कोई मुस्लिम ना कोई हिंदू ना कोई ईसाई ना कोई क्रिश्चियन बस एक ही नाम रखा अपना देश में जो भी जाति के लोग रहते थे सबका जात का नाम उसने बदलने की कोशिश की सबका एक ही जात

 बनाया उस जात का नाम था इंसान सिर्फ इंसान कई लोगों ने उसके फैसले को तोड़ने की कोशिश भी की थोड़ी सी मारामारी भरी हुई फिर प्रधानमंत्री ने देश के सामने अपने देशवासियों को हार्दिक गरीब को हर एक इंसान को हर एक जात को पूछा यह आप लोगों को क्यों अच्छा नहीं लगा ना मैंने हिंदू से मुसलमान बनने के लिए कहा ना मुस्लिम को हिंदू बनने के लिए कहा मैंने तो सिर्फ इंसान बनने के लिए कहा है अगर इस बात को लेकर किसी को एतराज है उसको मंजूर नहीं है मेरे देश से बाहर जा सकता है ऐसे लोगों के लिए मेरे देश में उसके लिए कोई भी जगह नहीं है बहुत सारे लोग तो मान गए कुछ ही लोग थे नहीं मानने वाले जो कि विपक्ष पार्टी के लोग प्रधानमंत्री ने यह भी कहा

 कि मेरी सरकार कभी भी नहीं गिरेगी यह तो मैं कह नहीं सकता लेकिन विपक्ष पार्टी के लोग भी सुन लो अच्छी तरह से कल अगर मेरी सरकार नहीं रहती आप की सरकार आती है तो भी किसी भी धर्म के लोगों को इंसान के नाम पर ही जाना जाएगा ऐसे ही चलता रहा धीरे धीरे देश में सुधार आने लगी कुछ साल पहले दूसरी सरकार थी तब कोई हिंदू रोड में मर रहा है तो भी मुस्लिम उसको साथ नहीं देते थे कोई भी हिंदू मुस्लिम को भी साथ नहीं देते थे कोई भी मुस्लिम कितनी भी मुसीबत में हो हिंदू साथ नहीं देता था उल्टा उसके गांव में मिर्च लगाते थे दोनों जातियों में

 इतना एक दूसरे से नफरत करते थे कि सोच भी नहीं सकते उसी देश में प्रधानमंत्री बनने के बाद कुछ ही महीनों में एक हिंदू महिला रोड पर डिलीवरी के लिए तड़प रही थी उसी टाइम पर किसी कारण सड़क जाम था उस महिला को देखकर एक हिंदू ने कहा आप घबराइए नहीं हम आपको हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे अकेला आदमी उसको उठाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसे उठाया नहीं जा रहा था उसी समय हिंदू की एक महिला आती है वह भी उसका साथ देने के लिए तैयार होती है थोड़ी देर बाद मुस्लिम महिला आती है मुस्लिम महिला भी उसका साथ 


देने लगती है रोड जाम होने के कारण गाड़ी चल नहीं पा रही थी इसीलिए मुस्लिम हिंदू सभी लोग एकजुट हो गए और उस औरत को वहां से उठाकर कुछ दूर तक लेकर गए सामने एक मुस्लिम था उसका एक ऑटो भी था उन लोगों ने उससे कहा मदद करो हमारी इस महिला को बहुत ही दर्द हो रहा है टाइम पर हम लोगों ने इसको हॉस्पिटल नहीं पहुंचाया तो यह महिला मर जाएगी ऑटो वाले ने कुछ सोचे बिना महिला को अपने होठों में बिठाया और

 हॉस्पिटल की और चला गया बीच में ही उस हिंदू ने बोला भाई साहब आपका मोबाइल नंबर और आपका नाम मुझे बता दो क्योंकि मेरे पॉकेट में पैसे नहीं है आपका फोटो का बड़ा देने के लिए ऑटो वाले ने कहा इस समय ऐसी बात मत करो भाई साहब हॉस्पिटल पहुंचने के बाद उस हिंदू ने ऑटो वाले मुस्लिम को पूछा भाई साहब आपका ऑटो का चार्ज कितना हुआ ऑटो वाले ने बोला भाई साहब इसकी कीमत मत लगाओ हमारे देश में कई साल के बाद कुछ अच्छा नजारा दिख रहा है इसका मजाक मत करो फिर उस हिंदू ने पूछा ऑटो वाले को भाई साहब आपका नाम क्या है ऑटो वाला बोला भाई साहब मेरा नाम इंसान है ऑटो वाला उस हिंदू को पूछा आपका नाम क्या है

 वह हिंदू लड़का भी बोला मेरा नाम भी इंसान है दोनों एक दूसरे के गले लगे थोड़े आंसू भी बहाए और वह घटना देखकर लोगों ने फैसला कर लिया कोई जात नहीं कोई हिंदू नहीं कोई मुसलमान नहीं बस हम इंसान हैं इंसान की तरह ही रहना है हम सिर्फ इंसान हैं उस दिन से उस देश में इतनी शांति छाई की लड़ाई झगड़े से जात को लेकर कोई भी मर्डर नहीं कोई झगड़ा नहीं बिल्कुल शांत देश और सुंदर देश बन गया

दोस्तों हम लोग कभी भी झगड़ते रहते हैं कल मरना है यह तो हमारे दिमाग में आता ही नहीं है अमर कोई नहीं है हर किसी को मरना है अगर इस दुनिया में एक बार जन्म लिया है तो उसका ऊपर जाना भी तय है लेकिन वह कैसे कब जाएगा पता नहीं अपनी इंसानियत को लोग भूल जाते हैं लेकिन यह भूलना नहीं चाहिए 

तो यह जात का वह उस जात का में इस जात का जात को लेकर कभी भी लड़ाई नहीं करनी चाहिए बस इंसान है हम इंसान की तरह ही जीना अच्छा होगा अच्छा रहेगा आज हम लड़ाई झगड़े करेंगे कल हमको मरना तो है ही लेकिन मरने के बाद खत्म नहीं होता अपने खानदान में कोई आदत रह जाती है दादा परदादा ऐसा करते थे ऐसा किया इस बात को लेकर दुनिया में कभी भी लड़ाई झगड़े जातिवाद की लड़ाई खत्म नहीं हो रही इस लड़ाई को खत्म करना चाहिए बस सिर्फ इंसान बनो इंसान की तरह ही रहना अच्छा होगा।

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             Thank you   धन्यवाद
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