दुख भरी सच्ची कहानी एक कहानी सुनकर आपको रुला देगी भाग 2 Sad true story listening to a story will make you cry part 2

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दुख भरी सच्ची कहानी एक कहानी सुनकर आपको रुला देगी भाग 2 Sad true story listening to a story will make you cry part 2

दुख भरी सच्ची कहानी एक कहानी सुनकर आपको रुला देगी भाग 2 Sad true story listening to a story will make you cry part 2

Sad true story listening to a story will make you cry

 दुख भरी सच्ची कहानी एक कहानी सुनकर आपको रुला देगी 

उस लड़के को स्कूल में भर्ती कराया सुबह सभी बच्चों के साथ होगी स्कूल जाता और स्कूल से आने के बाद खेत में खेलने जाते खेत में एक अमरूद का बड़ा सा पेड़ था बहुत ही पुराना पेड़ था पेड़ के नीचे घर बनाने के लिए बहुत सारे पत्थर इकट्ठा करके रखे हुए थे उस लड़के के साथ जितने भी बच्चे थे उससे छोटे थे

 उन लोगों कहा अमरूद तोड़ कर दे दो और लड़का अमरूद के पेड़ पर चढ़ा बहुत ही ऊपर ऊपर ही अमृत बचे हुए थे एकदम ऊपर चढ़ गया और अमरूद तोड़ने लगा अमरूद तोड़ते तोड़ते उस पेड़ से वह लड़का फिसल कर नीचे गिर गया और उस गांव में बहुत ज्यादा चोट आई उसको इमीडीएटली अस्पताल लेकर गए और डॉक्टर ने थोड़ी सी सर्जरी भी की लेकिन सर्जरी करने के बाद भी उसके गांव के अंदर छोटा सा पत्थर रह गया था 

2 दिन बाद उसका भाव फुल कर बहुत बड़ा हो गया और वह लड़का बहुत ज्यादा रोने लगा बहुत ही ज्यादा दर्द हो रहा था मैं उसके मालिक कंडक्टर दूसरे हॉस्पिटल लेकर गया 3 दिन तक उसका इलाज चला फिर भी पत्थर बाहर निकल नहीं पाया क्योंकि हड्डी के

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 बीच पर ही पत्थर फंसा हुआ था उस लड़के को बहुत ही दर्द हो रहा था रात टॉयलेट बाथरूम भी नहीं जा सकता था उसको सहारे की जरूरत पड़ती थी उसके मालिक कंडक्टर ने ही उसकी मदद की टॉयलेट बाथरूम को पहुंचाना उसको नहाना सभी काम उसका मालिक ही करता था चौथे दिन फिर से और एक बड़े हॉस्पिटल में लेकर गए वहां पर उसका पव का ऑपरेशन हुआ और वह पत्थर निकाला पत्थर निकालने के बाद हर रोज हॉस्पिटल जाना पड़ता था ड्रेसिंग कराने के लिए लगातार 15 दिन तक हॉस्पिटल आना जाना हो गया था वैसे ही इलाज करते करते 3 महीने बाद लड़के का फॉर्म ठीक हुआ तब तक उसका स्कूल भी छूट गया था।

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फिर उसके मालिक कांटेक्ट करना उस लड़के को कहा शहर में हमारा एक दुकान है तुम दुकान पर काम करोगे कि अच्छा रहेगा गांव में लड़कों के साथ बच्चों के साथ तुम सेव नहीं हो कहकर उस लड़के को दुकान पर रखा 3 महीने तक उसने दुकान में काम किया दुकान में कपड़े बैग छाता ऐसा ही चीज उस दुकान में था धीरे-धीरे उस मालिक ने पूरा दुकान ही उसको संभालने के लिए बोला मालिक सुबह आता कभी शाम को आता पूरा दिन वही लड़का उस दुकान को संभालता था कुछ दिन बाद उस लड़के के गांव से ही कुछ लोग उसके दुकान पर आए उस लड़के ने भी अपने गांव के लोगों को पहचाना और उसके गांव के लोग भी हैरान हो गए पूछने लगे कि तुम तो 5

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 महीने से घर से गायब हो गए हो कहकर तुम्हारे भाई बहन तुम को ढूंढ रहे थे तुम यहां पर हो कहकर बहुत सारी बात की और लड़का भी बहुत रोया उसके गांव वाले एक लड़के ने कहा जो कि उससे बड़ा था तुम्हें यहां पर कितना पैसा देते हैं महीने का उस लड़के ने कहा मुझे महीने में ₹500 देते हैं खाना-पीना सभी अच्छा से मिलता है उसके गांव वाले लड़के ने कहा महीने में ₹500 क्या करोगे तुम्हें पंद्रह ₹100 तक मिलेगा ऐसे ही दुकान में काम करोगे तो मेरे साथ चलो लड़के ने कहा नहीं मैं कहीं भी नहीं जाऊंगा कहकर अपने मालिक के बारे में अपने पांव के बारे में पूरी कहानी बताई फिर भी उसके गांव वाले ने कहा यह सब छोड़ो अब तुम ₹500 महीना क्या कर सकते हो 1500 मिलेगा तो कुछ कर सकते हो ना तुम सोचो

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लड़के ने कहा नहीं मुझे कहीं भी नहीं जाना है मैं यहीं पर ठीक हूं उसके गांव वाले लड़के ने कहा अगर तुम्हारा मन बदलेगा तो यही पास में एक होटल है 2 दिन मैं इसी होटल में मिलूंगा अगर तुम मेरे साथ जाना चाहोगे तो
लड़के ने उसको तो मना किया था लेकिन मन ही मन सोचने लग गया था कि अगर मुझे महीने के 15 सो रुपए मिलेंगे तो मैं ज्यादा पैसा कमा सकता हूं उसके मन में यही चल रहा था

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उस लड़के ने अपने मालिक कंडक्टर को कहा मुझे अब गांव जाना है यहां पर नहीं रहना है कहकर बस कंडक्टर को बोलकर जितने भी दिन वहां रहा था पूरा पैसा मांग कर लड़का वहां से चला गया उसके मालिक कंडक्टर ने समझाने की कोशिश बहुत की लेकिन लड़का नहीं माना लड़का वहां से चला गया और उसके गांव वाले लड़के ने जो होटल बताया था वहां पर गया और उस होटल के मालिक को पूछा मेरे गांव से एक आदमी आया था उसने मुझे कहा था वहीं पर मिलूंगा क्या वह यहां पर है क्या

होटल मालिक ने कहा वह तो आज ही चले गए यहां नहीं है।

                                                  

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