Wealth is not intelligence, but wisdom is not wealth धन हे तो बुद्धि नहीं बुद्धि है तो धन नहीं

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Wealth is not intelligence, but wisdom is not wealth धन हे तो बुद्धि नहीं बुद्धि है तो धन नहीं


एक गांव में 3 दोस्त थे छोटे से लेकर बड़े होने तक दोस्ती रहे जब छोटे थे उनके पढ़ाई लिखाई में भी बहुत अच्छे मार्क्स आते थे तीनों दोस्त अच्छे से पढ़ाई की है कुछ करने की सोच रहे थे धीरे-धीरे बड़े होते गए दोस्ती में दरार आने लगी दरार आने की वजह यह थी कि तीनों दोस्तों में से एक दोस्त शादी करना चाहता था दूसरा दोस्त शादी नहीं करना चाहता था तब तक कि जब तक वह खुद अपने पैरों में खड़ा ना हो सके तब तक शादी करना नहीं चाहता था तीसरा दोस्त शादी के बारे में सोचता भी नहीं था बस उन दोनों दोस्तों को अपनी तरह बनाना चाहता था

 थोड़ा अलग टाइप का था वह तीसरा दोस्त की हमेशा की तरह खोलो हंसते खेलते घूमने का बहुत शौक था शादी करने का उसे कोई इरादा ही नहीं था उसको और एक बार एक बात उसको परेशान करती रहती थी कि पहला दोस्त शादी करना चाहता था दूसरा कुछ नौकरी करके बिजनेस करके पैसा कमाना चाहता था तीसरा वाला पैसा साथ ही कुछ भी नहीं चाहिए था बस जिंदगी में आई सो आराम नहीं करना चाहता था 

बात करते करते तीनों लड़ते झगड़ते भी दे पहला दोस्त शादी करना चाहता था दोनों मिलकर बोलते थे अभी शादी मत कर दूसरा दोस्त कुछ काम करके कुछ पैसा कमाना चाहता था पहला और हाथी वाला दोस्त दोनों मिलकर उसे मना करते थे तीसरा दोस्त जिंदगी भर ऐसे ही घूमने फिरने में जिंदगी बिताना चाहता था फिर पहला और दूसरा दोस्त मिलकर उससे भी मना कर देते फिर भी तीनों दोस्त पलक खोना नहीं चाहते थे पहला बोलता था हम लोग सभी शादी करके घर बसाएंगे दूसरा बोलता था कुछ बिजनेस करके पूछ नौकरी जॉब करके बहुत सारा पैसा कमाएंगे तीसरा बोलता था शादी ही नहीं करेंगे कुछ काम भी नहीं करेंगे ऐसे ही घूमेंगे

 
ऐसे ही जीवन बिताएंगे दिनों की बात नहीं जानती थी हर रोज लड़ाई झगड़ा होती रहती थी ऐसे ही लड़ाई झगड़ा करते करते हो लोग एक दिन कहीं जंगल पर जा रहे थे तीनों एक साथ चलते-चलते बहुत दूर चले गए थे वह लोग उस जंगल में कभी भी नहीं गए थे वहां पर एक खूबसूरत सा जंगल में भगवान का मंदिर था उन्होंने वहां पर भगवान का मंदिर है और वहां पर जाकर जो भी कुछ भी मांगता है सब को एक वरदान मिलता है उन्होंने सुना था लेकिन उन लोगों ने कभी उस मंदिर को देखा नहीं था और उस मंदिर तक कभी पहुंचे भी नहीं थे 

लेकिन उस दिन अचानक वो लोग घूमते घूमते लड़ाई झगड़ा करते करते उस जंगल पर पहुंचे और भगवान का मंदिर दिखा दो उनको याद आया चलो हम लोग दिन अच्छे दोस्त हैं हम लोग कुछ वरदान मांगते हैं हम सभी लोग एक ही वरदान मांगेंगे की तरह जी कह रहे थे लेकिन उन लोगों ने अलग-अलग बर्तन मानी भगवान ने सब को प्रदान भी दिया बर्तन में उन लोगों ने क्या मांगा था और क्या-क्या मिला कैसे मिला

पहला दोस्त ने पहले मांगा मुझे शादी करनी है जल्दी से और मुझे अच्छी सी लड़की मिलवा दो भगवान।

दसरा दोस्त बोला मुझे अच्छी सी नौकरी दिला दो भगवान ताकि मैं बहुत सारा पैसा कमा सकूं।

तीसरा दोस्त बोला भगवान मुझे कुछ भी नहीं चाहिए इन दोनों को जो भी प्रदान आपने दी है इन दोनों को वह बर्तन नहीं देना मेरे लिए यही काफी है।

सभी बातचीत होने के बाद सभी वरदान मांगने के बाद तीनों दोस्तों ने एक दूसरे से बात की

पहला दोस्त बोला
मैंने अच्छी सी लड़की मुझे मिलवा दो और मैं शादी करना चाहता हूं जल्दी घर बसाना चाहता हूं महीने मां का है

दुसरा दोस्त बोलता है
मैंने भगवान से अच्छी सी नौकरी मां की है ताकि मैं बहुत सारा पैसा कमा सकूं

तीसरा दोस्त बोलता है
मैंने तो यह मांगा की भाइयों
जो भी भगवान से तुमने वरदान मांगी है वह वापस ले ले बाकी मेरे दोनों दोस्त मेरे साथ ही रहे बस मैंने यही कहा भगवान से कि मेरे दोनों दोस्तों को मत छेड़ो इनको जो भी बर्तन दिया है वापस ले लो बस भगवान मुझे इतना ही चाहिए तीसरा दोस्त ऐसा बोला तो दोनों दोस्त उस पर नाराज हो गए

भगवान ने दर्शन तो सबको दिया और वरदान भी सबको दिया
इसमें इसमें देखो दोस्त कौन सा है कमेंट में बताइए

धन्यवाद
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